Saturday 18 June 2011

Hakikat.....

Aaj u hi Soch apne mohle mai ghum aau.....
par jo dekha wo shyad kabhi na bhul pau Mere ghar se do gali piche ek Uncle rhte hai naam to nahi pta, par wo hamesa hi aapni barai karte rhte hai....
unke ghar ke samne ek electric pol (Bijli ka khamba) hai unhone kuch din pahle us par ek Wall Watch (Diwal Ghari) latka di kisi ne bhi kuch jada Reaction nahi diya par aaj Subh us ghari ke thik niche ek A4 paper par likha tha "MAINE SAMYE KO BARBAD KIYA THA OR AAJ YE SAMYE MUJHE BARBAD KAR RHA HAI"...................
Padhte hi mai ruk gya or wahi khada sochta rha...
Insan ko aapne galtio ko pachtao aapne akhari samye mai kyu hota hai ? ?

Friday 10 June 2011

मेरी समझ में उनकी जिद भी नहीं आती...

मैं कला का सम्मान करता हूँ और किसी कि भी मौत पर दुःख प्रकट करता हूँ. खास कर मकबूल फ़िदा हुसैन जैसे महान हस्ती पर . . . पर आज जिस तरह से लोग उनके गुजरने पर सर पटक रहे हैं उस पर मुझे हँसी आती है . . . क्या फ़ायदा जब आप सब उन्हें हिन्दुस्तान में नहीं रोक सके जहाँ उन्होंने ज्यादा कठिन समय गुजारा था . . . आजादी की लड़ाई . . . पर मेरी समझ में उनकी जिद भी नहीं आती . . . मैं मानता हूँ कि अजंता की गुफाओं से लेकर हमारे मन तक . . . स्कूल और ट्रेन के बाथ रूम से लेकर हमारे ड्राविंग रूम तक . . . हमारे प्राचीन चित्रकारी से लेकर आज के इन्टरनेट तक . . . निर्जीव से सजीव तक . . . हर जगह नग्नता है . . . पर ऐसी बहुत सारी बातें हैं देश में जैसे मांसाहार, विधवा विवाह, बहुविवाह . . . गरीब आदिवासी महिलाओं का तो सजीव नग्न फोटो कहीं भी मिल जाएगा . . . उसी ने तो गांधी को हमेशा के लिये अर्ध नग्न कर दिया था . . . सब पर क्यूँ नहीं चित्रकारी की हुसैन साहब ने . . . खैर वो भी नहीं तो जब आरोप लगाने लगे तो फिरोज गाँधी की तरह कभी अपने पर भी नजर दौड़ा ली होती . . . मुझे पूरा यकीन है कि उन्हें मालूम रहा होगा कि मोहम्मद साहब के सबसे जवान पत्नी किसी फ़ौजी सिपाही के साथ भाग गयी थी . . . उसपर कुरान का एक पूरा सूरा है . . . कभी उन दोनों पर एक फोटो बना दिया होता . . . खैर मैं तो अभी भी दुखी हूँ एक महान आत्मा के हमारे बीच से केवल उठ जाने पर बल्की बहुत ग्लानी महसूस कर रहा हूँ कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष देश उन्हें खुश नहीं रख सका . . .
और हाँ एक नहुत बड़ी वास्तविकता यह भी कि यदी विवाद और अतिवाद न हुआ होता तो ज्यादातर लोग उन्हें जानते भी नहीं . . . भारत गरीबों का देश है . . .माँ बहनों का रोज बलात्कार होता है . . .कहां फुर्सत है नेता जी की गाड़ी के पीछे और इंस्पेक्टर साहब के घर जाने से . . .
मैं समझता हूँ हर किसी को उनके वतन बदर होने का तकलीफ है . . . पर इसके लिये जिम्मेवार कुछ न कुछ तो वो भी थे . . . उन्हें लगा कि भारत माता का बलात्कार हो रहा है तो उनके कवी मन को चाहिए था कि चित्र के बगल में कुछ शब्द भी छोड़ दे . . . (वो एक कवी...
By :- Dr. Manish Kumar
        Neurosurgeon
        Chennai
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Thursday 9 June 2011

यह देश कया है ? और किसके लिये है ?


उपरोकत बदलावो ने लोगो को एक अहम सवाल के बारे मे़ सोचने के लिए विवश कर दिया है
यह देश कया है? और किसके लिये है? इसका जवाब धीरे‍‍‍‍‍‍ ‍‍धीरे इस रुप मे आया ।
भारत का मतलब है.
यहाँ की जनता , भारत, यहाँ रहने वाले किसी भी वगॆ, रगं, जाति, पथं, भाषा या जेंडर वाले तमाम लोगों का घर है। यह देश और इसके सारे संसाधन और इसकी सारी परनाली उन सभी के लिये है। इस जबाब के साथ ये अहसास भी सामने आया कि इस देश कि सरकार ने याहा के लोगों की जिंदगी पर कबजा जमाए हुए है ओर जब तक यह नियंञण खतम नहीं होता, भारत यहाँ के लोगों का, भारतीयों का नहीं हो सकता।
By:- Atul Kumar
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