Tuesday 23 August 2011

ये जिद है या जूनून ??


अन्ना हजारे एक नाम जो आज देश का बच्चा बच्चा जनता है और उसकी जबान पर है पर इसकी ये जिद क्या जो कही सरकार को ना हिला दे ! 73 वर्षीय अन्ना हज़ारे 16 अगस्त से अनशन पर हैं डॉ नरेश त्रेहान ने मंगलवार की शाम को अन्ना हज़ारे के स्वास्थ्य की जाँच करने के बाद कहा कि उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें अस्पताल ले जाना चाहिए पर अन्ना ने एक गजब सी बात कर माहोल को अपना बना लिया अन्ना ने कहा “मेरी अंतरात्मा कह रही है कि तू ये क्या कह रहा है कि दिल दिया है, जान भी देंगे और जान देने से डरता है तो मैंने डॉक्टरों से कह दिया है कि मेरी अंतरात्मा कह रही है कि कोई दवा नहीं लेनी है”  मुझे तो इनकी ये जिद भी समझ नहीं आती आखिर कुछ तो है अन्ना की आवाज देश की आवाज बनती जा रही है माहोल का कुछ पता नहीं कब कितना जोशीला बन जाये क्रांति की खुशबु रामलीला मैदान के हवाओ में मानो समाई है ! अन्ना के साथियो ने ये तो स्पष्ट किया की अन्ना गुल्कोज घुला पानी ले रहे है लेकिन पिछले 8 दिनों से उनका स्वास्थ लगातार गिरता जा रहा है ! देश के लिए दीवानगी का मंजर देखते बन रहा है कुछ शब्द मानो वह खड़े आन्दोलन कारियो का आत्म बल चटान की तरह मजबूत बना रहा है उसी में से ये एक “"मै मर गया तो परवाह नहीं, मेरे बाद कितने अन्ना खड़े हो गए हैं."”
सरकार का क्या है अधिक से अधिक गिर जायेगी और क्या ?? पर कही इस जस्तोजह्त में माँ भारती अपना एक बेटा ना खो दे! सरकारी लोकपाल और जन लोकपाल के बिच का रास्ता निकलने में लगे हमारे बुद्धिजीवी अपना काम सरकारी तोर तरीके से करने में लगे है !
आगे क्या होगा वो तो वो ही जाने ?

 :- अतुल कुमार

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